माँ कामाक्षा की आरती

आरती कामाक्षा देवी की । जगत् उधारक सुर सेवी की ॥

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Last updated Thu, 23-Mar-2023 Hindi-gujarati

आरती कामाक्षा देवी की ।

जगत् उधारक सुर सेवी की ॥

आरती कामाक्षा देवी की …….

गावत वेद पुरान कहानी ।

योनिरुप तुम हो महारानी ॥

सुर ब्रह्मादिक आदि बखानी ।

लहे दरस सब सुख लेवी की ॥

आरती कामाक्षा देवी की …….

दक्ष सुता जगदम्ब भवानी ।

सदा शंभु अर्धंग विराजिनी ।

सकल जगत् को तारन करनी ।

जै हो मातु सिद्धि देवी की ॥

आरती कामाक्षा देवी की …….

तीन नयन कर डमरु विराजे ।

टीको गोरोचन को साजे ।

तीनों लोक रुप से लाजे ।

जै हो मातु ! लोक सेवी की ॥

आरती कामाक्षा देवी की …….

रक्त पुष्प कंठन वनमाला ।

केहरि वाहन खंग विशाला ।

मातु करे भक्तन प्रतिपाला ।

सकल असुर जीवन लेवी की ॥

आरती कामाक्षा देवी की …….

कहैं गोपाल मातु बलिहारी ।

जाने नहिं महिमा त्रिपुरारी ।

सब सत होय जो कह्यो विचारी ।

जै जै सबहिं करत देवी की ॥

आरती कामाक्षा देवी की …….